Few Lines that I Penned

October 14, 2019 0 Comments


नदिया सूख रही है
पर्वत टूट रहे है
पेड़ो को निरंतर काटा जा रहा है.

और हमसे कहते है, विकास आ रहा है।

क्या प्रकृति को उजाड़ने को विकास कहते है ?

#विकास #यहकैसाविकास

बस मंदिर मस्जिद की लड़ाई में जीवन ख़तम कर देना
धर्म वह नहीं जो इमारतों को बनाये
धर्म तोह वह है जो मनुष्य को प्रेम सिखाये
कितना अच्छा होता की हम भी लड़ते
उन दो लखनवी मित्रो की तरह
जो एक दूसरे को आगे करने में ट्रैन भले ही छोड़ दे
मगर इंसानियत और दोस्ती नहीं.

The autor is half Human, half machine. Go Figure or just revel in what I write

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Hi Folks,

You heard me...now its time for Bouquets and Brickbats!

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