The Importance of Original Content - तुम भी कुछ अच्छा लिख दो।

July 24, 2020 , 0 Comments





बहुत उमदा कह गए थे मिर्ज़ा ग़ालिब,
कबीर, Gibran और सभी।
तुम भी खुद कुछ अपना ही लिख दो, 
तो मज़ा आ जाए.


बांध दो समा कभी,
अपने ही लिखे नज़्मों से. 
तो व्क्तो के चमन में भी 
कुछ नयी बहार आ जाए। 


मिल जाए सिला उन ढेरों
अनमने, से शब्दों को,
ब्रज की बोली,
हिंदी की बारहखड़ी, और 
उर्दू की उन भूली बिसरी सी आतिशों को
जो सदियों से बिसर गए,
की कोई कुछ नया तो लिखे. 
कोई तो अनजान आवाज़ उन्हें भी बया करे.
--------written by Ekta Khetan------------

#DoNotPlagiarize

The autor is half Human, half machine. Go Figure or just revel in what I write

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You heard me...now its time for Bouquets and Brickbats!

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