मोदी [जी] बनाम मीडिया
हैं काट रहे वही डाल
इस देश में यारों,
है मीडिया का ख़स्ता हाल।
जग में फैली है महामारी
जन के जीवन में आया है भूचाल।
पर इनके कानो पे ज़ू ना रेंगे
इनकी जल रही एक अलग ही मशाल।
समाचार के नाम पर कट रहा इनका अलग ही अचार
इनकी धूर्त करतूतों ने, उठा दिए प्रधान मंत्री पे ही सवाल।
मोदी जी बात सुने, अपने एक पूर्व प्रशंशक की आज,
करते है सर्व हित में बात बड़ी कमाल,
एक बुरा अधीनस्थ [subordinate],
अच्छे से अच्छे राजा को कर देता है कंगाल।
तज़िए इन काठ के उल्लूऔ को अब,
लूट लिया इन नकारो ने लूटना था जितना माल।
लाइए एक बेहतर, कार्यशील मीडिया एवं मंत्री मंडल,
अबकि साल, अबकि साल।
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Hi Folks,
You heard me...now its time for Bouquets and Brickbats!