Sab Organic Hai
आजकल बाजार में जहा देखो वह "organic " यह , organic वह ही दिखता है. खरीद के दामों से मिनीमम 5०% दुगने दामों पे, चढ़ा शेल्फ पे इतराता रहता है. अगर कविता के मध्यान से समझाऊँ तो -
आर्गेनिक क्या है?
सब organic है!
लेने गयी में बाजार
किराना का सामान दो चार
थोड़े मसाले, दाल, सब्जी और अचार
लगा हुआ था मज़मा
हर तरह के मसालों का
भरी पड़ी थी रेलम पेल
तरह तरह के मसालों का.
धनिया, लौंग, जीरा और नमक
प्लास्टिक की थैलियों सब रहे चमक
भिन्न varieties थैलियों में चमक
ऐसे तो लेकर गयी नहीं थी कोई बजट
पर चीज़ो के दाम देख देख मेर माथा भन्नाया
वह सर दर्द कम नहीं था
की नजर में आयी आर्गेनिक organic ऑप्शन की थैली
प्लास्टिक के ऊपर था खूब श्रृंगार
कहने का मतलब है की
ब्रांडिंग branding थी भरमार
रंग बिरंगे अक्षरों में मेरे मसाले सजे थे
चीख चीख के खुद को Organic कह रहे थे
दिखने में तो सब लग रहा था आकर्षक
क्या विवरण क्या थैलियों पर branding का मार्गदर्शक
उत्सुकता वश मैंने उठा कर देखा एक पैकेट
पकड़ने में लगा नहीं थोड़ा भी different
सरसो खरीदते वक़्त gourmet का एहसास हुआ
Cilantro का नाम दे कर धनिया
भी कुछ ख़ास हुआ।
मेरा मामूली परचून का दूकान
मुझे एक पल में gourmet सुपरमार्ट laga
AC मैं शॉपिंग करना भी बहुत smart लगा।
अब मेरा खाना और भी बनेगा हेल्थी
यह सोच मैंने लिए बदल लिए रेगुलर से सरे organic पैकेट जल्दी जल्दी
आटा, दाल, मसाले, सब्जी
और राइम करने के लिए
लिख देती हूँ हल्दी।
आर्गेनिक के नाम पर करते है कुछ भी प्रचार
आप इस organic ब्रांडिंग की नकली मानसिकता पे करिए ज़रा विचार
मेहेंगी ब्रांडिंग को छोड़ चीज़ो की गुणवन्ता को परखिये
organic में जब डाला नहीं केमिकल यूरिया और खाद
तो फिर डायरेक्ट फार्म तो टेबल आर्गेनिक
इतना महंगा कैसे हो गया आज?
लोगो के Fomo से न खेलिए
आर्गेनिक के नाम आप
हमें कुछ भी न पेलिए
जो organic नहीं है,
तोह फिर क्या वह ज़हर है?
आप जिसको कह रहे organic
उसका साक्ष किधर है?
१ नहीं २ नहीं
लगभग २०-३०% minimum
आप बढ़ा देते है दाम
non-organic पे फिर लगाइए ban,
क्यू लगा रहे है महंगाई डायन से नैन?
इन्फ्लेशन के नाम पे दाम तोह बढ़ आगये टैक्स भी चढ़ गे
मगर वेतन में कब आयेग चढ़ाव?
कब सरकार करेगी middle -क्लास के और झुकाव ?
भारत के राष्ट्रपति को भी
धोना पड़ता है बढ़ती टैक्स का भार
और जो यह organic औऱ infaltion के नाम पर
आप चला रहे है मुनाफाखोरी का व्यापर
यह न स्वस्थ है न organic है.
जब आर्गेनिक आपका है इतना ज़र्रोरी
तब organic होनी चाहिए चीज़े पूरी.
organic के नाम पे मिलावट करने वालो को न छोड़िये
प्राइस रेगुलेशन से अपना मुँह मत मोड़िये
cream परफ्यूम लगा के
हाई टेक्नोलॉजी मोबाइल चला के
संक्रमित हुए RO के पानी से
Pollution से भरी हवा
को अपने फेफड़ो में घुसा के
जब यह शरीर आर्गेनिक नहीं रहा
तो थैलोयो मैं बंद ओर्गानिक कहा पाओगे?
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Numerounity
©️®️ ektakhetan
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Hi Folks,
You heard me...now its time for Bouquets and Brickbats!